पत्रकारों के सवाल पर भड़के विधायक बृहस्पत सिंह-कहा कि सरगुजा के अँगूठा छापआदिवासियों की तरह प्रश्न ना पूछें:- बाद में माँगी माफी


आशीष तिवारी आप की आवाज रायपुर
रायपुर। रामानुजगंज के विधायक बृहस्पत सिंह का एक शर्मनाक बयान सामने आया है जब पत्रकारों ने सवाल के दौरान उनसे सवाल पूछा तो एकाएक विधायक महोदय पत्रकारों पर भड़क गए और कहा कि अपने दिमागी दिवालियापन का इलाज करवाएं और एक जनप्रतिनिधि होने के नाते इतनी शर्मनाक बात कह दी कि सरगुजा केअँगूठा छाप आदिवासियों की तरह सवाल ना पूछें।

बृहस्पत सिंह खुद एक आदिवासी मूल के विधायक हैं और एक आदिवासी विधायक का इस तरह पत्रकारों के सवाल पर भड़क जाना और यह कहना एक जनप्रतिनिधि होने के नाते बहुत ही निंदनीय है। इस जनप्रतिनिधि को यह नही भूलना चाहिए कि इन्ही आदिवासियों ने इस विधायक को एक जनप्रतिनिधि बनाया है।
जो आये दिन आज कल कुछ भी बेतुका बयान देते हैं और बाद में मीडिया के समक्ष आके माफी मांगने लगते हैं।
एक पत्रकार के सवाल पर विधायक बृहस्पत सिंह इतने भड़क गए जब उनसे सवाल किया गया कि क्या आपने FIR वापस ली या नही और इसी सवाल से विधायक इतने ज्यादा उत्तेजित हो गए और पत्रकारों पर भड़कते हुए कहा कि अपने दिमाग का इलाज करवाएं और सरगुजा के अँगूठा छाप आदिवासियों की तरह सवाल ना करें।

स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव पर लगाया था झूठा और बेबुनियाद आरोप-बाद में माँगी माफी की भावावेश में ऐसा कहा:
मामला कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ की राजनीति में मचे हुए सियासी उथल पुथल की है, जिसपर रामानुजगंज के काँग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री सरगुजा महाराज टी. एस. सिंहदेव पर उनकी हत्या करवाने का झूठा आरोप लगाया था।
विधायक के काफिले के वाहन पर हुए ड्राइवर तथा सुरक्षाकर्मी पर ओवरटेक की बात को लेकर एक सामान्य मामूली घटना पर इस विधायक बृहस्पत सिंह ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री पर बेतुका बयान और झूठा आरोप लगाया था कि सरगुजा महाराज टी. एस. बाबा उनकी हत्या करवाना चाहते हैं जिस पर सरल, सहज स्वास्थ्य मंत्री टी. इस. सिंहदेव ने मामले पर सरकार को तलब किया था कि इस बेबुनियाद आरोप पर जवाब सरकार देगी और सदन में यह कहा कि अगर ऐसा है तो वो सदन में बैठने के लायक नही हैं। इस मामले का संज्ञान लेने छत्तीसगढ़ काँग्रेस प्रभारी पी.एल.पुनिया खुद पहुंचे और मामले पर उच्चस्तरीय बैठक भी हुई थी। अंत मे रामानुजगंज के विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि उनसे गलती हो गई और भावावेश में आकर उनके द्वारा यह बयान दिया गया था।
इस घटने की पूरी परत खुद विधायक के ड्राइवर सुदर्शन और सुरक्षाकर्मि ने खोल कर रख दी थी कि ऐसा कुछ हुआ ही नही था ना ही उनपर कोई हमला हुआ था, ये एक मामूली विवाद था।
जबकि विधायक बृहस्पत सिंह ने पॉलिटिकल माईलेज प्राप्त करने के लिए ये सब बेतुका बयान दिया था।
जिस पर खुद बृहस्पत सिंह ने माफी माँगते हुए कहा था की भावावेश में यह सब उनके द्वारा किया गया था।
जबकि इस बयान के ढाई घंटे बाद ही विधायक स्वाथ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव के साथ फोटो में नजर आए जैसे कुछ मामला हुआ ही नही हो।
स्वास्थ्य मंत्री के परिवार के सदस्य पर हुए एफआईआर के दिन जिले के एसपी के साथ सरगुजा रेंज आईजी रतन लाल डांगी भी आधी रात तक थाने में मौजूद रहे।
अब इस घटनाक्रम के पीछे विधायक के साथ किसी बड़े नेता का दिमाग था या जो भी था ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
बहरहाल भावावेश में दिए इस निंदनीय कृत्य पर काँग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने माफी मांगी थी। तथा कल पत्रकारों के सवाल पर विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि क्रोधवश उनके द्वारा ये सब कृत्य हुआ।
अगर एक जनप्रतिनिधि से पत्रकार सवाल करता है और जवाब नही मिलता तो पत्रकार सवाल तो करेगा ही, जिसपर इतना ज्यादा उत्तेजित या क्रोध करना औऱ बयान देना किस हद तक सत्य है।
मामला गरम होते ही इस काँग्रेस विधायक ने अंत मे कहा कि यदि उनके बयान से पत्रकारों या क्षेत्रवासियों को ठेस पहुंची हो तो वो माफी माँगते हैं।

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